बिजली कनेक्शन काटने से पहले १५ दिन की लिखित पूर्वसुचना अनिवार्य- विद्युत् अधिनियम २००३ -१५ दिन की लिखित पूर्वसुचना दिए बिना बिजली कनेक्शन काटना गैरकानूनी- देश के कई हिस्सों में बिजली बिल के भुगतान में मात्र एक दिन की भी देरी हुई तो बिजली उपभोक्ताओं का बिजली कनेक्शन सम्बंधित बिजली वितरण कंपनीद्वारा काट दिए जाने की कई घटनायें होती है. जहाँ एक तरफ बिजली बिल का समय पर भुगतान इन कंपनियों का क़ानूनी अधिकार जरुर है लेकिन बिजली जैसी अत्यावश्यक सुविधा काटने के सम्बन्ध में विद्युत् अधिनियम २००३ अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान किये गए है.
किसी अपरिहार्य कारणों के वजह से उपभोक्ता को बिजली बिल के भुगतान में कुछ मामूली देरी होने पर भी बिजली कनेक्शन काटने तथा तोड़ने सम्बन्ध में विद्युत् अधिनियम २००३ के धारा ५६ का निम्नदर्शित प्रावधान देखिये-

सरल भाषा में कहें तो इसमें साफ़ तौर पर लिखा गया है की यदि उपभोक्ता द्वारा बिजली बिल भुगतान न हुआ हो तो भी बिजली कनेक्शन काटने से पहले उसे कम से कम १५ दिन की लिखित पूर्वसुचना देना बिजली वितरण कंपनीपर अनिवार्य है.
विद्युत् अधिनियम २००३ (हिंदी) डाउनलोड करने के लिए निम्नदर्शित लिंकपर क्लिक करें-
विद्युत् अधिनियम २००३ (हिंदी).Pdf
उदाहरण-
महाराष्ट्र राज्य की अधिकृत बिजली वितरण कंपनी एमएसईबीने भी अपने वेबसाईट पर उपभोक्ताओं के अधिकारों में विद्युत् अधिनियम २००३ की धारा ५६ नुसार उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन काटने से पहले उसे १५ दिन की लिखित पूर्वसुचना प्राप्त करने के अधिकार को निम्नदर्शित रूप से प्रकाशित किया है-

महाराष्ट्र सरकार की अधिकृत बिजली वितरण कंपनी एमएसईबीके ग्राहक अधिकार आप निम्नदर्शित लिंक पर देख सकते है-
https://www.mahadiscom.in/useful-information-consumers
इस लेख का उद्देश नेताओं और अधिकारीयों के करोड़ों के बकाया बिजली बिलों को वसूल न करना, मात्र आम आदमी को कुछ अपरिहार्य कारणोंसे बिल भरने में मामूली देरी होने पर बिना किसी नोटिस या पूर्वसूचना दिए गैरकानूनी तरीकेसे बिजली कनेक्शन काटनेवाली बिजली वितरण कंपनियों को सबक सिखाने हेतू प्रकाशित किया गया है, इसका अवश्य लाभ ले और मनमानी करनेवाली बिजली कंपनी तथा उनके अधिकारीयों को जरुर सबक सिखायें, जयहिंद!
-ॲड.सिद्धार्थशंकर शर्मा
संस्थापक अध्यक्ष- भारतीय क्रांतिकारी संगठन
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